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उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस ( बिन्दुवार अध्ययन)

 उत्तराखंड राज्य की सर्वप्रथम मांग 1887 ई. में उठी थी,ततपश्चात भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की इकाई ने उत्तराखंड में स्वाधीनता संग्राम के दौरान 1913 में कांग्रेस के अधिवेशन में उत्तराखंड से अत्यधिक प्रतिनिधि सम्मिलित हुए । 1916 में  सितम्बर माह में हरगोविंद पन्त,गोविंद वल्लभ पन्त,बद्रीदत्त पांडेय, इंद्र लाल साह, मोहन सिंह दडमवाल, चंद्र लाल साह, प्रेम वल्लभ पांडे, भोला दत्त पांडे, और लक्ष्मी दत्त शास्त्री आदि युवकों द्वारा कुमाऊँ परिषद का गठन किया गया,जिसमे इनकी जिम्मेदारी आर्थिक व सामाजिक समस्याओं का समाधान निकालना था। इन्ही युवकों द्वारा  1923 व 1926 के प्रांतीय काउंसिल के चुनाव में प्रचंड विजय प्राप्त की। 1940 में हल्द्वानी सम्मेलन में बद्रीदत्त पांडेय ने  पर्वतीय क्षेत्र को विशेष दर्जा देने व अनसूया प्रसाद बहुगुणा ने  कुमाऊँ- गढ़वाल के पृथक इकाई का मांग रखी। 1954 में  उत्तर प्रदेश विधान परिषद में  विधान परिषद के सदस्य इंद्र सिंह नयाल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पन्त के  कार्यकाल में पर्वतीय क्षेत्र की पृथक विकास योजना की मांग रखी। ( 1950 तक उत्तर प्रदेश+उत्तराखंड को संयुक्त प्र
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